Monday, March 26, 2012

माँ,

>>>>>>>>>>> " माँ "<<<<<<<<<<
जब थक जाएँ हैं   कदम  उठती है हूक
जब भर आतें हैं नयन   जुबान होती है मूक !
रिश्तों की भीड़ से  नहीं मिटती अब भूख
अब आ भी जाओ माँ,  आ जाओ ना !!

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