Tuesday, March 20, 2012

भविष्य देश का

<<<<<<<<<< ' भविष्य बचाओ '>>>>>>>>>
"भविष्य देश का भटक रहा है गली गली में भूखा प्यासा 
रोने की भी जान नहीं है नहीं आंखों में नीर ज़रा सा !
एक एक दाने को हम तरसें कैसे हो हमारा पोषण 
शिक्षा स्वास्थ्य की बातें खोखली कहीं खो गया अब तो बचपन !!
मन के सपने मन में रहते कोई पीड़ा समझ न पाता
हम भी गाते गीत वतन के चलते तान कर अपना माथा !
तन है सूखा मन है खाली क्या यही है सुन्दर जीवन
करो प्रभु उदर पूर्ती हमारी नहीं तो ले लो वापस जीवन " !!
(सत्य ....शर्मा )
 

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