manavtavadi
Tuesday, March 27, 2012
यादों का वो कारवां
>>>>>>>>>> "माँ "<<<<<<<<<
दूध के गिलास में प्यार को यूँ घोलना
बंद मुठ्ठियों को मेरी यूँ धीरे धीरे खोलना !
रूठना ,दुलारना ,और फिर वो मनाना
याद आता है मुझे माँ यादों का वो कारवां !!
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