सर्व प्रथम 7 जुलाई 1896 को वाटसन होटल मुंबई में एक रुपया के प्रवेश शुल्क पर लुमियर ब्रदर्स फिल्म का प्रदर्शन हुआ था जिसे शहर के प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने देखा ,
इस फिल्म के प्रदर्शन पर जब बहुत भीड़ उमड़ने लगी तो नावल्टी में चार आने शुल्क पर प्रदर्शन प्रारंभ हुआ
तभी से चवन्नी क्लास दर्शक वर्ग बना ,प्रारंभ में इंग्लिश फिल्मे ही दीखाई जाती थी .
1913 में पहली हिंदी फिल्म राजा हरिश्चंद्र श्री घुंडी राज गोविन्द ( दादा साहेब फाल्के ) ने बनाई थी .
1914 में दूसरी हिंदी फिल्म " भस्मासुर मोहिनी " बनी जो असफल रही .
1917 में "सत्यवान सावित्री " बनाई जो सफल रही .
कुछ लोग पुंडलिक को पहली कथा फिल्म मानते हैं जो महाराष्ट्र के प्रसिद्ध संत थे के जीवन पर आधारित थी इस फिल्म को आर सी तोरने एवं एन ए चित्रे ने बनाया था . यह फिल्म 18 मई 1912 को प्रदर्शित हुई .
इस फिल्म के प्रदर्शन पर जब बहुत भीड़ उमड़ने लगी तो नावल्टी में चार आने शुल्क पर प्रदर्शन प्रारंभ हुआ
तभी से चवन्नी क्लास दर्शक वर्ग बना ,प्रारंभ में इंग्लिश फिल्मे ही दीखाई जाती थी .
1913 में पहली हिंदी फिल्म राजा हरिश्चंद्र श्री घुंडी राज गोविन्द ( दादा साहेब फाल्के ) ने बनाई थी .
1914 में दूसरी हिंदी फिल्म " भस्मासुर मोहिनी " बनी जो असफल रही .
1917 में "सत्यवान सावित्री " बनाई जो सफल रही .
कुछ लोग पुंडलिक को पहली कथा फिल्म मानते हैं जो महाराष्ट्र के प्रसिद्ध संत थे के जीवन पर आधारित थी इस फिल्म को आर सी तोरने एवं एन ए चित्रे ने बनाया था . यह फिल्म 18 मई 1912 को प्रदर्शित हुई .
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