Saturday, April 7, 2012

आदि शंकराचार्य "

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यह आदिशंकराचार्य एवं उनके चारों शिष्यों का चित्र है आदि शंकर चार्य जी के प्रथम चारों शिष्य क्रमश: 
 शंकराचार्य श्री हस्त्मल्काचार्या , श्री तोटकाचार्य ,श्री सुरेश्वराचार्या ,एवं  पद्मपादाचार्य उनके चरों ओर बैठकर  उपदेश ग्रहण कर रहें हैं !
आदिशंकराचार्य जी ने अपने इन चारों शिष्यों को भारत के चारों दिशाओं में सनातन धर्म के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए चार स्थानों पर इनको नियुक्त किया ! जो निम्न प्रकार हैं :-
१. श्री हस्त्मल्काचार्य जी को दक्षिण में श्री रामेश्वर धाम  के समीपस्थ क्षेत्र में श्रृंगेरी मठ में.
२.श्री तोटकाचार्य जी को उत्तर में श्री बद्रीनाथ धाम के समीपस्थ क्षेत्र ज्योतिर्मठ  में .
३.श्री सुरेश्वराचार्य जी को पश्चिम में द्वारिका धाम के समीप गोवर्धन मठ में .
४ श्री पद्मपादाचार्य जी को पूर्व में जगन्नाथ धाम के समीप शारदा मठ में .
स्थापित  कर भारतीय सनातन धर्म की पताका की पुन : लहरा सम्पूर्ण विश्व को इससे अभिभूत करा !!
(सत्य ..शर्मा )

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