Sunday, April 8, 2012

आदि शंकराचार्य जी का बाल जीवन

                                        <<<<<<"आदि शंकराचार्य जी का बाल जीवन ">>>>>
 "आदि जगद्गुरु शंकराचार्य जी का जन्म सन 788  ई ० में  केरल प्रान्त में कलादी नाम के गाँव में हुआ था !
  इनके पिता श्री शिव गुरु जी की मृत्यु इनके बाल्यकाल में ही हो गई थी ,इनकी माता आर्याम्बा ने ही इनकी पढाई पर विशेष ध्यान दिया .अपने जन्म काल से ही आपकी बुद्धि बहुत तेज थी , 3  साल की उम्र में ही आपने अपनी मातृभाषा मलयालम का भलीभांति ज्ञान प्राप्त कर लिया था .
  5   वर्ष की आयु में उपनयन (यज्ञोपवित ) संस्कार कर गुरुकुल में भेजा गया .गुरुकुल में 2  साल में ही आपने सारे वेदों  एवं शास्त्रों की पढाई पूरी कर ली और वापस घर लौट कर शिक्षा देने लगे जिससे अध्यापक के रूप में आपकी प्रसिद्धि दूर दूर तक फ़ैल गई .
   प्रशंसा सुन कर केरल के राजा ने आपको दरबार में पंडित पद पर बैठने के लिए बुलाया किन्तु आपने मना कर दिया .अत: राजा स्वयं आपके यहाँ आया और 1000  अशर्फियाँ भेंट में दी तथा अपने लिखे तीन नाटक दिखाए .आपने नाटकों की तो प्रशंसा की किन्तु अशर्फियाँ स्वीकार नहीं की .
   8 वर्ष की आयु में माता से आज्ञा लेकर संन्यास ग्रहण किया इस शर्त पर की माता की मृत्यु पर स्वयं आकर उनका अंतिम संस्कार करेंगे . " !!!  (सत्य ..शर्मा )                  

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