manavtavadi
Sunday, April 8, 2012
"लहरों का प्यार "
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"लहर को था प्यार किनारे से पर सागर का साथ मिला
तभी से खींच लाती है प्रीत किनारे पर लहरों को
पर ना हो रुसवा मुहब्बत छूकर ही वापस लौट जाती है " !!!
( सत्य ...शर्मा )
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