"वे गए विष दे मुझे मैंने हृदय जिनको दिया था,
शत्रु हैं वे प्यार खुद से भी अधिक जिनको किया था,
हंस रहे वे याद में जिनकी हजारों गीत रोये,
वे अपरिचित हैं, जिन्हें हर सांस ने अपना लिया था,
इसलिए तुमको बनाकर आंसुओं की मुस्कराहट,
मैं समय की क्रूर गति पर मुस्कराना चाहता हूँ "!
मैं तुम्हे अपना बनाना चाहता हूँ !!
ये पंक्तियाँ श्री गोपाल दास नीरज जी की हैं
ReplyDelete>>> "I wish you to be mine "<<<<
ReplyDelete"He,whom I gave my heart,offered me poison
He, whom I love more than me, is my enemy now
He is laughing,in whose mamory sevral songs cry
He ,whom my breath made its own,is unknown now,
Therefore,making you the smile of my tears,
I wish to smile at the cruel time's movement .!
I wish you to be mine........... !!!