>>>>>>>>"सबक जिन्दगी का "<<<<<<<<<<
"मैंने कल एक झलक जिन्दगी को देखा , वो मेरी राह में गुनगुना रही थी !
मैं ढूंढ़ रहा था उसे इधर उधर , वो आंख मिचौली कर मुस्कुरा रही थी !
एक अरसे के बाद आया मुझे करार , वो थपकी देकर मुझे सुला रही थी !!
हम दोनों क्यूँ खफा हैं एक दुसरे से, मै उसे और वो मुझे बता रही थी !
मैंने पूछा ? मुझे ये दर्द क्यों दिया , उसने कहा मैं जिन्दगी हूँ तुझे जीना सिखा रही थी " !!
(Dolly )
"मैंने कल एक झलक जिन्दगी को देखा , वो मेरी राह में गुनगुना रही थी !
मैं ढूंढ़ रहा था उसे इधर उधर , वो आंख मिचौली कर मुस्कुरा रही थी !
एक अरसे के बाद आया मुझे करार , वो थपकी देकर मुझे सुला रही थी !!
हम दोनों क्यूँ खफा हैं एक दुसरे से, मै उसे और वो मुझे बता रही थी !
मैंने पूछा ? मुझे ये दर्द क्यों दिया , उसने कहा मैं जिन्दगी हूँ तुझे जीना सिखा रही थी " !!
(Dolly )
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