Tuesday, December 3, 2013

मोटापा

                                                           स्थूलता Obesity 
                        ओबेसिटी, स्थूलता, मेदोवृद्धि आदि नामों से जाने  जाने वाला मोटापा आधुनिक युग कि एक आम  बीमारी का स्वरुप ले चुकी है , जितनी तेजी से आधुनिकीकरण , शहरीकरण और पाश्चात्य जीवनशैली का प्रचार प्रसार हो रहा है ,उससे भी तीव्र गति से शहरी एवं समृद्ध वर्ग में मोटापे का विस्तार हो रहा है। प्रत्येक आयु वर्ग के व्यक्ति इससे पीड़ित दिखाई पड़ते हैं।
               स्थूलता के मुख्य दो प्रकार हैं :- १ - आभ्यन्तर और  २ -बाह्य। आभ्यन्तर स्थूलता अंतः स्रावी ग्रंथियों कि विकृति के कारण ही उत्पन्न होती है आधुनिक चिकत्सा अनुसार हाइपोथैरोडिज्म ,हाइपोगोनाडिज्म ,हाइपो पिट्यूटरीजम  ,कुशिंग सिन्ड्रोम और एंडोक्राइन डिसऑर्डर्स कहे गए हैं।
                    दूसरे प्रकार कि स्थूलता आगन्तुज अर्थात बाहरी  कारणो से उत्पन्न होती है अधिक गरिष्ठ मधुर पदार्थों का सेवन ,विलासिता पूर्ण जीवन, शारीरिक श्रम का आभाव और शीतल पेयों , डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों एवं फ़ास्ट फ़ूड के बढ़ती रूचि और इन  खाद्य पदार्थों का विज्ञापन ,व्यापारिक प्रस्तुति अधिक आहार को बढ़ावा देता है जिसके परिणाम स्वरुप स्थूलता को बढ़ावा मिलता है।  इनके अतिरिक्त आधुनिक चिकत्सा में प्रयुक्त औषधियों  के दुष्परिणाम स्वरुप भी स्थूलता उत्पन्न होती है यथा -स्टेरॉयड ,ओरल कॉन्ट्रसेप्टिव ,फेनोथिअजिंस और इन्सुलिन भूख को बढ़ाकर स्थूलता को उत्पन्न करती हैं।
                     स्थूलता से होने वाले उपद्रव :-अति स्थूल व्यक्ति मधुमेह ,धमनीकाठिन्य ,पित्त कि थैली कि पथरी वातरक्त हृदय रोग.मैथुन अक्षमता बंध्यता आदि अनेक रोग स्थूलता के उपद्रव के रूप में प्राप्त कर लेते हैं। मानसिक व्याधियां भी युवा वर्ग के स्थूल रोगी को ग्रसित कर लेती हैं।
                                                               
 
                                                       चिकत्सा सूत्र 
                     सर्वप्रथम रोगी को स्थूलता के उत्पन्न होने के कारणों का परित्याग करना आवश्यक है। आलस्य छोड़कर एक व्यवस्थित दिनचर्या आहार विहार का पालन करना होगा।
१ - प्रातः काल स्वच्छ एवं खुले वातावरण में सामर्थ्य के अनुसार ३ - ४ किलोमीटर का भ्रमण।
२ - इसके पश्चात् आयु के अनुसार स्थूल अंगों पर प्रभाव डालने वाले व्यायाम सामर्थ्य अनुसार करें।
३ -भोजन में मीठा और मीठे पदार्थों का पूर्ण रूप से त्याग , घी ,क्रीम ,मक्खन तले हुऐ पदार्थ , शीतल पेय , आइसक्रीम शरबत ड्राई फ्रूट्स। आम केला मछली अंडा शराब चावल उड़द राजमा आदि भोजन नहीं करना।
४ -हरी सब्जियां ,जौ , बाजरा, मंडुआ आदि मोटा पारम्परिक सुपाच्य भोजन सुपाच्य फल क्रीम निकला दूध का सेवन करना। 

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