manavtavadi
Saturday, May 5, 2012
<<<<< " अपनापन " >>>>>
" करे कोई घायल नयनों को तो परेशां हो उठें पलकें
गर ना झपकें कुछ देर जो पलकें तो रो उठें आँखें !
नेत्रों और पलकों का सा सम्बन्ध हो अपना
यही है अब कामनाअपनी सत्य हो सत्य का ये सपना !! "
(सत्य ...शर्मा )
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